Saturday, February 18, 2017

पालक कि सब्जी बाताएगी कहा छीपाकर रखा हे बम ( विस्फोटक )

नमश्कार !
                  अमेरिका के वैज्ञानिको ने  अपनी संशोदन से ये खोज निकाला हे , के पालक का पौधा सेंसर के रूप में काम कर सकता हे और कहि पर छिपाकर रखे विस्फोटक के बारे में कुछ ही अवधि में जानकारी दे सकता हे।

 पालक की पत्तियो को कार्बन नैनोट्यूब के साथ लेकर नाइट्रो एरोमैटिक्स की आसानी से तलाश हो सकती है.  
ज्यादातर विस्फोटों में  नाइट्रो एरोमैटिक्स ही उपयोग किया जाता हे।  नाइट्रो एरोमैटिक्स में शुमार होने वाला रसायन जमीनी पानी में पाया जाता हे , उसी से यह पालक में पहुँच जाता हे।  उसके बाद कार्बन नैनोट्यूब से बंधी हुई पालक की पत्तियां जैसे ही विस्फोटक पदार्थ के नजदीक आती है , उनका रंग बदल जाता है और यह जो प्रक्रिया हे वह इंफ्रारेड कैमरे की मदत से देखि जा सकती हे। 
     यह जानकारी अमेरिका के प्रोफ़ेसर माइकल स्ट्रानो ( इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलॉजी ) इनके निर्देशन में हुए संशोधन में सामने आई है. 

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Tuesday, February 14, 2017

आखिर क्या हे वेलेण्टाइन डे की सच्चाई !

                         आज से करीबन 13 सो साल पहले से यूरोप में वहा के लोग लिव्ह इन रिलेशन में रहते थे याने के बिना शादी किये हुए साथ रहते थे , यूरोपीय समाज में ऐसी समझ थी के शारीरिक सम्भोग ही जिंदगी का परम आनंद हे , इसलिए यूरोप में शादी न करके ही याने के लिव्ह इन रिलेशन में साथ रहते थे . यूरोप में स्त्रियों को एक सेक्स ऑब्जेक्ट समझा जाता था जब तक पहले स्त्री से आनन्द मिलता हे तबतक उससे संबंध बनाके बाद में दूसरी स्त्री के साथ रहा जाता था उसके बाद तीसरी - चौथी - .. यूरोप में बच्चे को उसके पिता कोण हे इसके बारे में जानकारी नहीं होती थी क्योंकि बच्चे के माँ को ही पता नहीं होता था के वे बच्चा किसका होगा इसलिए यूरोप में परिवार नहीं बन पाते थे . यह परम्परा कई सालो से चली आ रही थी .याने कोई भी किसिसेभी/ कितनो से भी  सेक्स कर लेता  इसका परिणाम यह हुआ के लोगो को  सेक्स जनित रोगों ने जकड लिया , इसे रोकने के लिए बिच बिच में कई ऐसे लोगो ने प्रयत्न किया के वे चाहते थे के इस तरह से रहना ,प्राणियों की तरह सम्भोग करना यह अच्छी बात नहीं हे ओर यह बंद होना चाहिए  लेकिन उसी समाज ने उन लोगो को ज़िंदा नहीं रहने दिया .

                        फिर एक  वेलेण्टाइन नामक महापुरुष ने लोगो को समझाया के ये सब अच्छी बात नहीं हे .शादी करके साथ रहना चाहिए , परिवार बनाना चाहिए उनके संपर्क में जो भी आता उससे वो यही कहते और उसे समझाते . फिर लोगो ने उससे कहा के ये शादी क्या हे , परिवार क्या हे, ये तुम्हारे दिमाग में क्या घुस गया हे , ये कहा से उठाके लाए हो ऐसा तो यूरोप में कही नहीं हे . तो उन्होंने लोगो से कहा के में आजकल भारतीय फिलोसोपी का अध्ययन कर रहा हु.और मुझे लगता हे की उनकी जीवनशैली बिलकुल अच्छी हे ओउर यही हमारे लिए भी अच्छी रहेगी. उनिकी यह बाते सुनकर कुछ लोग उन्हें मानने लगे फिर  मि. वेलेण्टाइन  जो भी शादी के लिए राजी हो जाते उनकी शादी चर्च में करा देते , इस तरह से उन्होंने कई लोगो की शादिया कराई . यह सब देख उस वक्त के यूरोप के राजा क्लौडीयस जो वहा का बड़ा राजा था ओर बहत क्रूर था उसने कहा के ये जो  वेलेण्टाइन हे ये हमारे यूरोप की परम्परा को बिगाड़ रहा हे हम मौज करने वाले लोग हे और ये सबकी शादिया करने में लगा हे तो उसने तुरंत उसे पकड़ने का आदेश दिया ,पकडके लाने के बाद उससे क्लौडीयस ने पूछा के ये तुम क्या कर रहे हो हमारे देश में अधर्म फेहला रहे हो तो मि. वेलेण्टाइन ने कहा के मुझे यही सही लगता हे हमें यही करना चाहिए तो राजा क्लौडीयस ने उसकी एक नहीं सुनी और उसे फांसी के सजा का आदेश दे दिया . 
                      मि. वेलेण्टाइन इन्हें  14 फरवरी 498 को फांसी हो गयी . मि. वेलेण्टाइन को इस दिन फांसी हुई इसलिए उनके जो समर्थक थे जिनकी शादिया मि. वेलेण्टाइन इन्होने करवाई थी उन्होंने 14 फरवरी यह दिन वेलेण्टाइन डे बनाना शुरू कर दिया . और तबसे यूरोप में जो भी शादी करते हे वे वेलेण्टाइन डे बनाते हे .वेलेण्टाइन डे शादी शुदा लोग यूरोप में मि. वेलेण्टाइन इनकी याद में मनाया जाता हे , लेकिन वेलेण्टाइन डे के अलग अलग अर्थ लगा कर धीरे धीरे वेलेण्टाइन डे कई देशो में मनाया जाने लगा .


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Monday, February 13, 2017

देश का पहला डिजिटल गांव बना गुजरात राज्य का अकोदरा

                   भारत देश मे गुजरात का अकोदरा गाव देश का पहला डिजिटल गाव बना. देश के बडे शहरो को पिछे छोड यह गाव कैशलेस इकोनॉमि पर चलणे वाला पहला गाव बन गया है.इस गाव के सभी लोग अपनी जरुरत कि चीजो कि खरीददारी डेबिट कार्ड , इंटरनेट बँकिंग, मोबाईल बँकिंग का इस्तेमाल करते हुए कर रहे है .
अकोदरा गाव के ICICI बैंक के ड्रीम प्रोजेक्ट के चलते इस गाव को डिजिटल ओर कैशलेस सिस्टम लागू करणे मे बैंक ने बडी भूमिका निभाई हे . इस गाव को एनिमल हॉस्टल से भी संबोधा जा चुका हे क्योंकी कृषी और पशुपालन इस गाव का मुख्य व्यवसाय हे . यह गाव अहमदाबाद से लगभग 90/93 किलोमीटर कि दुरी पर हे.गाव मे 200 घर ओर लगभग 1200 इतनी लोकसंख्या हे.  

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Sunday, February 12, 2017

आपही के दिमाग मे हे सभी समस्या का हल !

हम जो भी विचार करते हे उसका आकलन होणा यहि सबसे मेहत्वपूर्ण बात है क्योंकी विचारो का आकलन होनेके बाद हि हम समझ सकते हे कि असल समस्या क्या है . हमारी नकारात्मक सोच हि समस्या का कारण बन जाती हे ,
इन कूछ मुद्दो से हम सकारात्मकता कि ओर पेहल कर सकते हे..

१. सही शब्दो का चुनाव..
                                        मे इसे नहि कर सकता , मुझसे नही होगा , मे एक नंबर नहि ला सकता इस जैसे वाक्यो कि बजाय मे कर सकता हु , मुझसे हो सकता हे , मे नंबर एक लाने कि कोशिश कर सकता हू . इस तऱह  से सोच बदलसे खुद को एक नई उम्मीद मिलती हे ओर हम अपने कार्य मे सफलता हासील कर सकते हे.

२. अपना रास्ता खुद बनाए ..
                                         हमे जब भी कोई विचार परेशान करता हे तो हम दुसरो से हल पुछते हे ( हालाकी दुसरो से मदत लेना अछी बात हे ओर उससे हमे मदत मिलती हे) लेकीन कई बार दुसरो से मदत लेके हम मुसिबत मे आ जाते हे . इसलिये जाब भी कोई विचार परेशान करे तो स्वयं से पुछे कि इसके उपर सही हल क्या हे ( हमारी जो भी कुछ परेशानी होती हे उसके बारे दुसरो से ज्यादा हम खुद अच्छी तरह से जानते हे इसलिये हमारी परेशानी का हल हम खुद अच्छी तरह से निकाल सकते हे ).

३. गलतिया / घटनाओं  से सबक...
                                       कई बार जीवन मे जो समस्या ,चुनौती , कठीनाई ,सुख - दुख आते हे इनसे  मे हमे बहुत कुछ  सिखने को मिलता हे , हमारे भूतकाल मे  हमसे हुई गलतिया हमे बेहत अहेसास दिलाती हे . ( गलतियो को ध्यान मे रखते हुए हमसे वे गलतिया फिर से न दोहराई जाये इसके उपर ध्यान दे.) भूतकाल मे घटीत घएनाए तथा हमारी कि हुई गलतिया इनसे सिख लेते हुये हमे आगे बढना चाहिये .

४.हर चुनौती का स्वीकार ...
                                     नकारात्मकता मे छुपे कारनो को जान ले ओर उसपे गौर करे ! कइ बार हम सही भी हो सकते हे या गलत भी .इसलिये किसीभी चीज का हल निकालाते समय उसके लिये सही क्या होगा उसके परिणाम इसके बारे मी सोच ले.
                                    नकारात्मकता को पीछे छोड सकारात्मकता कि ओर पेहल करे !
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दुनिया का सब से अमीर गांव

हमारे देश मे गावो कि जो स्थिती हे वो पुरा देश जाणता हे , कई नेता किसानो कि मदत के दावे तो करते हे लेकीन सिर्फ चुनाव जितने के लिये .किसानो के लिये कई सरकारी योजनाए भी बनाई जाती हे लेकीन योजना के नाम पर जो कूच भी पैसा स्वीकृत होता हे वो नेता ओर अधिकारीयो के जेब मे चला जाता हे . किसान को सिर्फ योजना ओ के नाम के सिवा शाआयाद हि कूच मिल पाता हे.
              हमारे पुरे देश मे शायद हि ऐसा कोई गाव होगा जहा जरुरत कि सभी सुविधा होगी ओर हर व्यक्ती चैन से रहता हो . लेकीन देश चीन के जियांग्सू राज्य के वाक्शी गांव में जरुरत कि सभी सुविधाएं हे इसलिये ए गाव दुनिया के सब से अमीर गावो मे से एक हे.  इस गाव के हर रहिवासी के पास खुद का घर हे , कार हे ओर अच्छा खासा पैसा हे . इस गाव मे बेहत सारी कंपनिया है , ओर यहा पर आधुनिक तकनीक से बडे पैमाने पर खेती भी होती हे. 
                  सन 2015 मे इस गाव के हर आदमी कि सालाना औसत आय करीबन 90 लाख रुपये थी. सन 1955 मे यह गाव बेहत गरीब था उसके बाद इस गाव को कम्युनिस्ट पार्टी के स्थानीय सचिव वू रेनाबाओ इन्होने समृद्धी प्लान बनाके गाव मे कई तऱह के उद्योग लाकर धीरे धीरे बदल दिया और इस गाव कि तरक्की होणे लगी. रेनाबाओ ने सामुहिक खेती को बढावा देते हुए एक कंपनी का गठन किया .सन 1990 के दशक मे इस गाव का हर आदमी शेयरधारक बना .
               वर्तमान में इस गाव में करीबन 65 से ज्यादा फैक्टरिया हे ओर एस गाव के हर व्यक्ती के खाते में 60 लाख रुपये से ज्यादा रकम जमा हे.इस गाव में ज्यादातर घर एक जैसे हे ,हर एक घर मी 10-10 कमरे हे .याह 80% टैक्स के बदले मे लक्जरीयस विला ,कार,सैर करणे के लिये चौपर ,स्टार होटल मे डिनर जैसी सुविधाए मुफ्त मे मिलती हे .

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