Tuesday, February 14, 2017

आखिर क्या हे वेलेण्टाइन डे की सच्चाई !

                         आज से करीबन 13 सो साल पहले से यूरोप में वहा के लोग लिव्ह इन रिलेशन में रहते थे याने के बिना शादी किये हुए साथ रहते थे , यूरोपीय समाज में ऐसी समझ थी के शारीरिक सम्भोग ही जिंदगी का परम आनंद हे , इसलिए यूरोप में शादी न करके ही याने के लिव्ह इन रिलेशन में साथ रहते थे . यूरोप में स्त्रियों को एक सेक्स ऑब्जेक्ट समझा जाता था जब तक पहले स्त्री से आनन्द मिलता हे तबतक उससे संबंध बनाके बाद में दूसरी स्त्री के साथ रहा जाता था उसके बाद तीसरी - चौथी - .. यूरोप में बच्चे को उसके पिता कोण हे इसके बारे में जानकारी नहीं होती थी क्योंकि बच्चे के माँ को ही पता नहीं होता था के वे बच्चा किसका होगा इसलिए यूरोप में परिवार नहीं बन पाते थे . यह परम्परा कई सालो से चली आ रही थी .याने कोई भी किसिसेभी/ कितनो से भी  सेक्स कर लेता  इसका परिणाम यह हुआ के लोगो को  सेक्स जनित रोगों ने जकड लिया , इसे रोकने के लिए बिच बिच में कई ऐसे लोगो ने प्रयत्न किया के वे चाहते थे के इस तरह से रहना ,प्राणियों की तरह सम्भोग करना यह अच्छी बात नहीं हे ओर यह बंद होना चाहिए  लेकिन उसी समाज ने उन लोगो को ज़िंदा नहीं रहने दिया .

                        फिर एक  वेलेण्टाइन नामक महापुरुष ने लोगो को समझाया के ये सब अच्छी बात नहीं हे .शादी करके साथ रहना चाहिए , परिवार बनाना चाहिए उनके संपर्क में जो भी आता उससे वो यही कहते और उसे समझाते . फिर लोगो ने उससे कहा के ये शादी क्या हे , परिवार क्या हे, ये तुम्हारे दिमाग में क्या घुस गया हे , ये कहा से उठाके लाए हो ऐसा तो यूरोप में कही नहीं हे . तो उन्होंने लोगो से कहा के में आजकल भारतीय फिलोसोपी का अध्ययन कर रहा हु.और मुझे लगता हे की उनकी जीवनशैली बिलकुल अच्छी हे ओउर यही हमारे लिए भी अच्छी रहेगी. उनिकी यह बाते सुनकर कुछ लोग उन्हें मानने लगे फिर  मि. वेलेण्टाइन  जो भी शादी के लिए राजी हो जाते उनकी शादी चर्च में करा देते , इस तरह से उन्होंने कई लोगो की शादिया कराई . यह सब देख उस वक्त के यूरोप के राजा क्लौडीयस जो वहा का बड़ा राजा था ओर बहत क्रूर था उसने कहा के ये जो  वेलेण्टाइन हे ये हमारे यूरोप की परम्परा को बिगाड़ रहा हे हम मौज करने वाले लोग हे और ये सबकी शादिया करने में लगा हे तो उसने तुरंत उसे पकड़ने का आदेश दिया ,पकडके लाने के बाद उससे क्लौडीयस ने पूछा के ये तुम क्या कर रहे हो हमारे देश में अधर्म फेहला रहे हो तो मि. वेलेण्टाइन ने कहा के मुझे यही सही लगता हे हमें यही करना चाहिए तो राजा क्लौडीयस ने उसकी एक नहीं सुनी और उसे फांसी के सजा का आदेश दे दिया . 
                      मि. वेलेण्टाइन इन्हें  14 फरवरी 498 को फांसी हो गयी . मि. वेलेण्टाइन को इस दिन फांसी हुई इसलिए उनके जो समर्थक थे जिनकी शादिया मि. वेलेण्टाइन इन्होने करवाई थी उन्होंने 14 फरवरी यह दिन वेलेण्टाइन डे बनाना शुरू कर दिया . और तबसे यूरोप में जो भी शादी करते हे वे वेलेण्टाइन डे बनाते हे .वेलेण्टाइन डे शादी शुदा लोग यूरोप में मि. वेलेण्टाइन इनकी याद में मनाया जाता हे , लेकिन वेलेण्टाइन डे के अलग अलग अर्थ लगा कर धीरे धीरे वेलेण्टाइन डे कई देशो में मनाया जाने लगा .


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